16 सितम्बर 1999 को लंदन में आयोजित छठे विश्व हिंदी सम्मलेन में पहली बार बाल साहित्य का उदघोष हुआ था. भारत से बाल साहित्य समीक्षा, मासिक के सम्पादक डॉ. राष्ट्रबंधु ने सम्मेलन में बाल साहित्य पर नियमित सत्र रखने की मांग की थी, जिसे स्वीकार किया गया और बाद में प्रतिवर्ष बाल साहित्य पर गंभीर विमर्श एक परम्परा बन गयी.
सर्वश्री केसरी नाथ त्रिपाठी, डॉ. नामवर सिंह, अशोक चक्रधर, कन्हैया लाल नंदन, सरोजनी प्रीतम इत्यादि इस सम्मेलन के विशेष अभ्यागत थे.
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