बरेली / १९ जनवरी को स्वर्गीय निरंकारदेव सेवक जी के जन्म दिन के अवसर पर रोटरी क्लब में एक भव्य आयोजन किया गया. सेवक जी हिंदी के महान बाल साहित्यकार एवं समीक्षक थे. आजन्म बाल साहित्य सेवा में लगे रहे. उनकी रचनाएँ आज भी नयी और कालजयी हैं.
१९६६ में उन्होंने तब 'बाल गीत साहित्य' नाम से एक समीक्षा ग्रन्थ लिखा , जब इस क्षेत्र में समीक्षात्मक पुस्तकें थीं हीं नहीं.
इस अवसर बाल कविता प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, पुरस्कृत बच्चों को ५००/-, ३००/- और २००/- रूपये की धनराशि के अतिरिक्त बाल साहित्य की पुस्तकें और सभी बच्चों को प्रमाण पत्र दिए गए. बच्चों में साहित्यिक अभिरुचि जाग्रत करने का यह सफल प्रयोग था.
१९६६ में उन्होंने तब 'बाल गीत साहित्य' नाम से एक समीक्षा ग्रन्थ लिखा , जब इस क्षेत्र में समीक्षात्मक पुस्तकें थीं हीं नहीं.
इस अवसर बाल कविता प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, पुरस्कृत बच्चों को ५००/-, ३००/- और २००/- रूपये की धनराशि के अतिरिक्त बाल साहित्य की पुस्तकें और सभी बच्चों को प्रमाण पत्र दिए गए. बच्चों में साहित्यिक अभिरुचि जाग्रत करने का यह सफल प्रयोग था.
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात गीतकार किशन सरोज ने सफल समाज हेतु बाल साहित्य के अधिकाधिक प्रयोग की आवश्यकता जताई.
पूर्व विधान परिषद् सदस्य रमेश विकट, साहित्यकार डा. अवनीश यादव, कवि हरी ओम अनजान, बाल साहित्य पर शोध कर रहे ऋषि कपूर , तितली के संपादक फहीम करार, भारतीय पत्रकारिता संस्थान के सुरेन्द्र बीनू सिन्हा और सेवक जी की पुत्र वधु पूनम सेवक सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने इस आयोजन की शोभा बढ़ाई.
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